नागरिकों से प्रॉपर्टी टैक्स, वाटर टैक्स वसूल करना महाराष्ट्र के सोलापुर नगर निगम के लिए टेड़ी खीर साबित हो रहा है
ऐसे डिफॉल्टर्स की सूची में एक या दो नहीं बल्कि 350 ज्यादा लोग हैं जिनपर कम से कम एक लाख रुपये का बिल बकाया है
सोलापुर नगर निगम को इन लोगों से करीब 350 करोड़ रुपये वसूलने हैं.
निगम ने बकाएदारों से टैक्स तुरंत वसूल करने के लिए एक अनुठी पहल शुरू की है
सोलापुर नगर निगम के आयुक्त ने घरेलू टैक्स के साथ-साथ पानी टैक्स न भरने वाले लोगों के नाम डिजिटल बोर्ड पर लगाये हैं.
राज्य सरकार और शहर के हाउस टैक्स और वाटर टॅक्स से ही महानगर पालिका का आर्थिक कारोबार चलता है
लेकिन शहर के कुछ इलाके के लोग पिछले कुछ साल से यह टैक्स नहीं भर हैं
जब भी महानगर पालिका के कर्मचारी टैक्स वसूल करने जाते हैं तो उनपर स्थानीय पार्षद की ओर से दबाव बनाया जाता है.
सोलापुर नगर निगम के पार्षदों के दबाव की वजह से एक लाख की बड़ी रकम बकाया होने के बावजूद नागरिक सिर्फ पांच हजार रुपये देकर पूरा टैक्स बचा जाते हैं.
नगर निगम को प्रॉपर्टी और वाटर टैक्स की बकाया टैक्स राशि के 350 करोड़ रुपये वसूलना अभी बाकी है.
इसी वजह से निगम ने डिफॉल्टर्स के नाम सोलापुर के मुख्य चौराहे पर लगाना शुरू कर दिया है.
निगम का कुल बजट करीब 1200 करोड़ रुपए है जिसमें से टैक्स का 350 करोड़ रुपए की वसूली अभी बकाया है.
इसमें से भी करीब 90 करोड़ रुपए NPA हो चुका है. यहां सिर्फ 10 फीसद ही ऐसे नागरिक हैं जो नियमित रूप से टैक्स जमा करते हैं
जबकि बाकी ऐसे लोग हैं जो किसी तरह की टैक्स छूट की आस में टैक्स ही नहीं भरते हैं.
शहर में जो नागरिक वक्त पर टैक्स अदा करते है उन्होंने शहर में मूलभुत सुविधाएं नहीं होने कि बात कही है.
पानी के साथ-साथ अन्य सुविधाओं ठीक तरह से न देने की शिकायत है
सोलापुर नगर निगम का सालाना बजट 1200 करोड़ है
टैक्स जमा नहीं होने के कारण नगर निगम को ठेकेदारों को वक्त पर विकास काम के पैसे का भुगतान करना मुश्किल जाता है
जिन लोगों के नाम डिजिटल बोर्ड पर लगाए जा रहे है वो लोग अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं
ऐसे डिफॉल्टर्स की सूची में एक या दो नहीं बल्कि 350 ज्यादा लोग हैं जिनपर कम से कम एक लाख रुपये का बिल बकाया है
सोलापुर नगर निगम को इन लोगों से करीब 350 करोड़ रुपये वसूलने हैं.
निगम ने बकाएदारों से टैक्स तुरंत वसूल करने के लिए एक अनुठी पहल शुरू की है
सोलापुर नगर निगम के आयुक्त ने घरेलू टैक्स के साथ-साथ पानी टैक्स न भरने वाले लोगों के नाम डिजिटल बोर्ड पर लगाये हैं.
राज्य सरकार और शहर के हाउस टैक्स और वाटर टॅक्स से ही महानगर पालिका का आर्थिक कारोबार चलता है
लेकिन शहर के कुछ इलाके के लोग पिछले कुछ साल से यह टैक्स नहीं भर हैं
जब भी महानगर पालिका के कर्मचारी टैक्स वसूल करने जाते हैं तो उनपर स्थानीय पार्षद की ओर से दबाव बनाया जाता है.
सोलापुर नगर निगम के पार्षदों के दबाव की वजह से एक लाख की बड़ी रकम बकाया होने के बावजूद नागरिक सिर्फ पांच हजार रुपये देकर पूरा टैक्स बचा जाते हैं.
नगर निगम को प्रॉपर्टी और वाटर टैक्स की बकाया टैक्स राशि के 350 करोड़ रुपये वसूलना अभी बाकी है.
इसी वजह से निगम ने डिफॉल्टर्स के नाम सोलापुर के मुख्य चौराहे पर लगाना शुरू कर दिया है.
निगम का कुल बजट करीब 1200 करोड़ रुपए है जिसमें से टैक्स का 350 करोड़ रुपए की वसूली अभी बकाया है.
इसमें से भी करीब 90 करोड़ रुपए NPA हो चुका है. यहां सिर्फ 10 फीसद ही ऐसे नागरिक हैं जो नियमित रूप से टैक्स जमा करते हैं
जबकि बाकी ऐसे लोग हैं जो किसी तरह की टैक्स छूट की आस में टैक्स ही नहीं भरते हैं.
शहर में जो नागरिक वक्त पर टैक्स अदा करते है उन्होंने शहर में मूलभुत सुविधाएं नहीं होने कि बात कही है.
पानी के साथ-साथ अन्य सुविधाओं ठीक तरह से न देने की शिकायत है
सोलापुर नगर निगम का सालाना बजट 1200 करोड़ है
टैक्स जमा नहीं होने के कारण नगर निगम को ठेकेदारों को वक्त पर विकास काम के पैसे का भुगतान करना मुश्किल जाता है
जिन लोगों के नाम डिजिटल बोर्ड पर लगाए जा रहे है वो लोग अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं
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