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6 Dec 2017

डोनाल्ड ट्रंप के वो पांच फैसले, जो पूरी दुनिया के लिए बनेंगे सिरदर्द

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सत्ता में आए अभी एक साल भी नहीं हुआ है, लेकिन उनके एक के बाद एक फैसले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सिरदर्द पैदा करते जा रहे हैं.

खबर है कि राष्ट्रपति ट्रंप बुधवार को येरूशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में स्वीकार कर सकते हैं. अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि ट्रंप आज अपने भाषण में येरूशलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर मान्यता दे सकते हैं. इस खबर के आते ही एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खासकर खाड़ी देशों में तनाव का माहौल बन गया है.

सऊदी अरब के सुल्तान सलमान,फलस्तीनी नेता महमूद अब्बास, जॉर्डन के सुल्तान अब्दुल्ला और मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुलफतह अल सिसी ने आशंका जताई कि ऐसा होने पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हालात बिगड़ सकते हैं. गौरतलब है कि येरूशलम, इजरायल और फलस्तीनियों के बीच विवाद का सबसे गंभीर मुद्दा है. अगर अमेरिका येरूशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में स्वीकार करता है तो वो इजरायल के जन्म के बाद यानी 1948 के बाद ऐसा करने वाला पहला देश होगा.

एक नज़र डालते हैं येरूशलम को इजरायल की राजधानी घोषित करने के अलावा राष्ट्रपति ट्रंप के वो 5 अन्य फैसले जिसके भविष्य में वैश्विक स्तर पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं

पेरिस डील से हटना

साल के मध्य में राष्ट्रपति ट्रंप का पर्यावरण संतुलन के लिए किए गए पेरिस समझौते से अमेरिका के हटने की घोषणा करना दुनिया को चौंकाने वाला था. पेरिस समझौता वैश्विक स्तर पर पहला व्यापक जलवायु परिवर्तन समझौता है, 2015 में दुनियाभर के नेताओं के बीच यह सहमति बनी थी, जिसके तहत वैश्विक औसत तापमान बढ़ोतरी दो डिग्री सेल्सियस से नीचे लाना था. ऐसा करने के लिए दुनियाभर के देशों ने कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने का वादा किया

अमेरिका की ओर से तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सितंबर 2016 में इस पर हस्ताक्षर किया था. अमेरिका कार्बन के सबसे बड़े उत्सर्जक देशों में से एक है और उसके हटने से हो सकता है कि अन्य देश भी ऐसा ही रुख अपनाएं. ऐसा होने पर पर्यावरण को संतुलित रखने केअभियान पर व्यापक असर पड़ सकता है.

मुस्लिम देशों पर यात्रा प्रतिबंध

ट्रंप का एक औरविवादित फैसला 6 मुस्लिम देशों चाड, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सीरिया और यमन के लोगों को अमेरिका आने पर प्रतिबंध  लगाना रहा. इसी साल जनवरी में सत्ता में आने के बाद उन्होंनेयात्रा प्रतिबंध संबंधी विवादास्पद नीति का प्रारूप जारी किया था. हालांकि इसफैसले का न सिर्फ उनके देश में विरोध हुआ बल्कि पूरी दुनिया में भी इसकी आलोचनाहुई.

अब अमेरिकी सुप्रीमकोर्ट ने भी 6 मुस्लिम देशों के खिलाफ यात्रा प्रतिबंध के राष्ट्रपति ट्रंप केफैसले पर रजामंदी देते हुए इसे पूरी तरह लागू करने का निर्देश दे डाला है. सुप्रीमकोर्ट के 9 में से 7 जजों ने ट्रंप प्रशासन के उस निवेदन को स्वीकार कर लियाजिसमें निचली अदालतों द्वारा यात्रा प्रतिबंध को लागू करने पर लगाई रोक को हटानेकी मांग की गई थी. इसके अलावा उन्होंने उत्तर कोरिया और वेनेजुएला के कुछ सरकारीअधिकारियों के अमेरिका आने पर प्रतिबंध लगा रखा है.

यूनेस्को से हटने का फैसला

अक्टूबर में डोनाल्डट्रंप ने यूनेस्को से हटने का फैसला लेकर एक बार फिर दुनिया को चौंका दिया.अमेरिका ने तब यूनेस्को पर ' इजरायल विरोधी' होने का आरोप लगाया और इसका साथछोड़ दिया. उसने यूनेस्को पर पक्षपात के आरोपों के अलावा संगठन के बढ़ते हुएआर्थिक बोझ को लेकर चिंता लाते हुए इसमें सुधार करने की जरूरत बताई थी.

यूनेस्को पूरी दुनिया में विश्व धरोहर स्थल चुनने के लिए जाना जाता है. इसके अलावा यह एकबहुपक्षीय संस्था है जो शिक्षा और विकास से जुड़े लक्ष्यों (सेक्स एजुकेशन, साक्षरता और महिलाओंकी बराबरी) के लिए काम करता है. उसकी देखादेखी इजरायल भी यूनेस्को से हटने की योजनाबना रहा है. इसके पीछे इजरायल के खिलाफ यूनेस्को की ओर से लिए गए कई फैसलों कोजिम्मेदार माना गया.

मैक्सिको सीमा पर दीवार

राष्ट्रपति ट्रंप नेअपने चुनाव अभियान के दौरान कई बार मैक्सिकन सीमा पर दीवार बनाने का वादा किया थाऔर अब वह इस दिशा में काफी आगे बढ़ चुके हैं. शपथ लेने के कुछ ही दिनों के अंदरउन्होंने दीवार बनाने के कार्यकारी आदेश पर साइन भी कर दिया था. दीवार बनाने कोलेकर ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका की दक्षिणी सीमा पर संकट के हालात हैं और ऐसाकरने से अवैध तरीके से घुसपैठ और नशीली दवाओं की तस्करी पर अंकुश लगेगा

सीमा पर करीब 2,000मील लंबी अभेद्य दीवार बनाने के लिए कंक्रीट और स्टील से बने 9 मीटर लंबे कुछनमूने तैयार किए गए हैं, जिस पर शीर्ष स्तर से सहमति मिलनेके बाद काम शुरू हो जाएगा. हालांकि यह इतना आसान नहीं होगा क्योंकि सीमा पर खालीमैदान,धूलभरे रेगिस्तान,हरियालीभरे इलाके और रियो ग्रांड के कठोर वातावरण से होकर गुजरती है जिस पर भारी-भरकमखर्चा आएगा

उत्तर कोरिया से उलझना

पिछले कई महीनों सेछोटा सा गरीब देश उत्तर कोरिया अमेरिका को लगातार उकसा रहा है, और अमेरिका भी उसेबख्शने के मूड में नहीं दिख रहा. हाल ही में उत्तर कोरिया के इंटरकॉन्टिनेंटलबैलिस्टिक मिसाइल (आईबीएम) के नए टेस्ट को अमेरिकी रक्षा मंत्री ने दुनिया के लिएखतरा बताया था. इससे पहले सितंबर में ही उसने अपना अब तक का सबसे बड़ा परीक्षण(छठा परमाणु परीक्षण) किया था. उत्तर कोरिया को लेकर ट्रंप की नाराजगी जगजाहिर हैऔर उसे ऐसा नरक बताया जहां किसी को भी नहीं रहना चाहिए

उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच तनातनी का असर पूरी दुनिया को भुगतना पड़ सकता है. अगर अमेरिका सबकसिखाने के लिए उसके साथ युद्ध करता है तो अन्य देश भी इसके चपेट में आएंगे.

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