देशभर में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर लगातार बहसें होती रहती हैं. कानून बनाने वाले नए-नए वादे करते रहते हैं और कानून का पालन कराने वाले बड़े-बड़े दावे.
लेकिन इस साल भी ऐसी ढेरों वारदातें हुईं, जिन्होंने पूरे देश के मुंह पर कालिख पोत दी. हम बात करेंगे गैंगरेप की उन वारदातों की,
जिन्होंने पूरे देश को हिलाकर रख दिया. ऐसी वारदातें जिन्होंने दिलो-दिमाग को झिंझोड़ डाला और पूरे देश को शर्मसार कर दिया.
साल 2017 जा रहा है, लेकिन ये घटनाएं कभी न भरने वाले जख्म की तरह हमेशा देशवासियों के दिलो-दिमाग को कुरेदती रहेंगी. इन घटनाओं को याद करने का एक ही मकसद है
कि हम आने वाले साल में ऐसी घटनाओं को न होने दें. जुर्म आज तक याद कर रहा है साल 2017 में घटित गैंगरेप की उन खौफनाक 7 वारदातों को जिन्होंने जनाक्रोश का रूप ले लिया और सो रही कानून-व्यवस्था को झिंझोड़ कर जगाया.
नलिया गैंगरेप केस
साल के पहले ही महीने में गुजरात के कच्छ से ऐसी वारदात सामने आई,
जिसने राजनीतिक गलियारे में हड़कंप मचा दिया. 25 जनवरी को एक विवाहित महिला ने स्थानीय BJP नेता सहित 9 लोगों के खिलाफ साल भर से अधिक समय से रेप का आरोप लगाया. 25 वर्षीय पीड़िता ने साथ ही आरोपी बीजेपी नेता पर सेक्स रैकेट चलाने का भी आरोप लगाया. पीड़िता के मुताबिक, 2015 में पहली बार स्थानीय बीजेपी नेता चेतन ठक्कर ने कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर उसे पिलाया और उसके बाद रेप कर उसकी अश्लील वीडियो भी तैयार कर ली. इसी अश्लील वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर आरोपी बीते डेढ़ साल से उसका यौन शोषण करता रहा. इतना ही नहीं पीड़िता ने बताया कि हर बार रेप करने से पहले वे उसे ड्रग्स दे देते. विपक्ष में बैठी कांग्रेस ने इसे लेकर राज्यभर में बीजेपी के खिलाफ रैलियां निकालीं. कांग्रेस की महिला कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां के घर के बाहर धरना प्रदर्शन भी किया. मामले की सुनवाई गुजरात हाईकोर्ट में चल रही है. गैंगरेप के 9 आरोपियों में से 8 आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं.
जेवर गैंगरेप
दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा के जेवर थाना इलाके में 24 मई की रात घटी इस सन्न कर देने वाली घटना की गूंज पूरे देश में सुनाई दी.
जेवर थाना क्षेत्र के सबौता गांव के पास कार से जा रहे परिवार को 8 हथियारबंद बदमाशों ने बंधक बना लिया, लूटपाट की, विरोध करने पर परिवार के मुखिया की गोली मारकर हत्या कर दी और परिवार की चार महिलाओं के साथ गैंगरेप किया.
इस मामले में पुलिस की लापरवाही भी सामने आई, जब घटना के 10 दिन बीत जाने के बाद भी कोई आरोपी पकड़ा नहीं जा सका. यहां तक कि पुलिस के रवैये से क्षुब्ध 3 पीड़िताओं ने खुदकुशी करने की भी कोशिश की. इस बीच पीड़ित परिवार ने पुलिस से अपने सुरक्षा की मांग भी की है. अंततः पुलिस 23 जुलाई को चार आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफल रही. पुलिस के मुताबिक, बदमाश बावरिया गैंग के सदस्य हैं. 27 अगस्त को जेवर कांड में शामिल एक और कुख्यात अपराधी को गिरफ्तार कर लिया गया. हालांकि शेष आरोपी अभी भी फरार हैं. पुलिस ने फरार आरोपियों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा है.
शिमला गैंगरेप केस
अमूमन हिमाचल प्रदेश से इस तरह की खबरें कम ही आती हैं. लेकिन राजधानी शिमला में 4 जुलाई को घटी इस हैवानियत ने पूरे प्रदेश की जनता में उबाल ला दिया.
शिमला के कोटखाई में आरोपियों ने 16 साल की एक स्कूली छात्रा को घर छोड़ने के बहाने लिफ्ट दी और नज़दीक के जंगल में ले जाकर उसके साथ रेप किया और फिर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी थी.
इस वारदात के बाद शिमला में पुलिस प्रशासन के ख़िलाफ़ जमकर विरोध हुआ. जनाक्रोश को देखते हुए राज्यपाल और मुख्यमंत्री तक को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा और मामले की जांच CBI को सौंप दी गई.
इस बीच गिरफ्तार किए गए 6 आरोपियों में एक आरोपी की पुलिस कस्टडी में हुई मौत ने पुलिस की लापरवाही को सामने ला दिया. सीबीआई जांच में सामने आया कि पुलिसकर्मियों ने ही थाने से बाहर कहीं ले जाकर पीट-पीट आरोपी को मार डाला था. मामले की लीपापोती के आरोपी 8 पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया, जिसमें IG रैंक का एक अधिकारी भी शामिल है. सीबीआई ने अदालत चार्जशीट दाखिल कर दी है. मामले की अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होनी है.
भोपाल गैंगरेप केस
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 31 अक्टूबर को हैवानियत की एक और घटना घटी. मध्य प्रदेश के ही विदिशा की रहने वाली और भोपाल में,
यूपीएससी की कोचिंग कर रही 19 वर्षीया छात्रा के साथ हबीबगंज रेलवे स्टेशन के पास 4 लोगों ने गैंगरेप किया.
इतना ही नहीं, आरोपी गैंगरेप के बीच पीड़ितो को बेहोश छोड़ पान-गुटखा भी खाने गए और लौटकर फिर से गैंगरेप किया. पीड़िता ने अपने पिता के साथ 3 थानों के चक्कर लगाए, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई,
जबकि पीड़िता के पिता खुद पुलिसकर्मी हैं और मां सीआईडी में हैं. इसके बाद पीड़िता के पिता खुद पीड़िता को साथ ले,
घटनास्थल पर गए और दो आरोपियों को पकड़ भी लिया. केस दर्ज करने से आनाकानी करने और पीड़िता की शिकायत को फिल्मी कहानी बताने वाले 7 पुलिसकर्मियों को बाद में सस्पेंड कर दिया गया.
आईजी और एसपी का भी ट्रांसफर कर दिया गया. पीड़िता ने पुलिस के रवैये पर सवाल उठाते हुए रेप के दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की है
सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार को फटकार भी लगाई और पूरे घटनाक्रम को ट्रैजडी ऑफ एरर्स करार दिया है
पीड़िता का पहला मेडिकल रिपोर्ट तैयार करने में भी गड़बड़ी सामने आई, जिसके चलते रिपोर्ट तैयार करने वाले डॉक्टर को सस्पेंड कर दिया गया. भोपाल की सत्र अदालत में 21 नवंबर से मामले पर प्रतिदिन सुनवाई की जा रही है.
गुड़गांव गैंगरेप
वैसे तो दिल्ली एनसीआर का यह इलाका इस तरह की अमानवीय घटनाओं के लिए कुख्यात है
लेकिन 29 मई को जब राह चलती एक महिला के साथ गैंगरेप कर उसकी 6 माह की बच्ची को मार डालने की खबर आई तो देशभर में सन्नाटा पसर गया,
गैंगरेप की शिकार महिला अपनी मासूम बच्ची की लाश लिए मेट्रो में घूमती रही और कई अस्पतालों के चक्कर लगाती रही. उसे यकीन ही नहीं हो रहा था
कि उसकी बच्ची की मौत हो गई है, और हम यह यकीन नहीं कर पा रहे थे कि क्या देश में इंसानियत इतनी गिर चुकी है. पुलिस की कार्रवाई इस बार फिर संदेह के घेरे में आई.
शुरुआती FIR में पुलिस ने गैंगरेप की धारा नहीं जोड़ी थी,
\जिसे 5 दिन बाद जोड़ा गया. मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है. घटना के 10 दिन के अंदर पुलिस ने गैंगरेप के तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
जबकि लापरवाही बरतने के आरोप में एक महिला पुलिसकर्मी को सस्पेंड कर दिया गया. महिला से छेड़छाड़ करने वाले चौथे आरोपी ट्रक ड्राइवर को भी दो दिन बाद 11 जून को गिरफ्तार कर लिया गया.
साल के आखिरी महीने में भी हरियाणा के हिसार और उत्तर प्रदेश के लखनऊ से रेप की दो ऐसी वारदातें आईं,
जिन्होंने दिलो-दिमाग को झनझना दिया. हिसार में जहां दरिंदे ने 5 साल की मासूम बच्ची के साथ रेप कर बर्बरतापूर्वक हत्या कर दी. वहीं लखनऊ में हैवानों ने 15 वर्षीय लड़की को कैंसर ग्रस्त होने के बावजूद नहीं बख्शा.
हिसार का निर्भया कांड
हिसार के उकलाना गांव में 9 दिसंबर की रात मां के पास सो रही 5 साल की मासूम बच्ची को अगवा कर रेप करने और बर्बरतापूर्वक हत्या करने का सनसनीखेज मामला सामने आया.
आरोपी ने दरिंदगी की हद करते हुए बच्ची के प्राइवेट पार्ट में लकड़ी डालकर उसकी हत्या कर दी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक,
लकड़ी इतनी जोर से डाला गया था कि बच्ची का गर्भाशय और आंतें तक जख्मी हो गए थे. इस घटना ने गांववालों में उबाल ला दिया और वे धरने पर बैठ गए.
यहां तक कि परिवार वालों ने चेतावनी दे दी कि जब तक आरोपी पकड़ा नहीं जाएगा, वे बच्ची का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे.
हालांकि राज्य सरकार के हस्तक्षेप और प्रशासन के आश्वासन के बाद 48 घंटे बाद परिवार वालों ने पूरी सुरक्षा के बीच बच्ची का अंतिम संस्कार कर दिया. राज्य सरकार ने परिवार वालों को 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद,
दो सदस्यों को सरकारी नौकरी और पक्का मकान देना की घोषणा की है. पुलिस अंततः 14 दिसंबर को एक व्यक्ति को गिरफ्तार करने में सफल रही है, जिसे वह मुख्य आरोपी बता रही है.
हालांकि पुलिस ने आरोपी के बारे में ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया है.
कैंसर पीड़िता के साथ गैंगरेप
जिस दिन हिसार में 5 साल की मासूम के साथ हैवानियत की गई,
उसी दिन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सरोजनी नगर में एक कैंसरग्रस्त नाबालिग लड़की से गैंगरेप की हृदयविदारक खबर आई.
चाऊमीन खिलाने के बहाने घर से बाहर बुलाने वाले लड़की के एक परिचित ने ही अपने एक दोस्त के साथ लड़की का रेप किया और फरार हो गया.
लेकिन पीड़िता के साथ इसके बाद जो घटा, वह मानवता से विश्वास खत्म कर देगा. पीड़िता रास्ता भटक गई तो उसने एक अनजान व्यक्ति से मदद मांगी. लेकिन मददगार ने भी पीड़िता को अपनी हवस का शिकार बना डाला.
शुरुआत में पीड़िता के साथ तीन लोगों के रेप करने की खबर ही आई थी, लेकिन बाद में पीड़िता ने बताया कि उसके साथ कुल 6 लोगों ने गैंगरेप किया. पुलिस ने दो दिन बाद 11 दिसंबर को पीड़िता के परिचित शुभम सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. हालांकि शेष तीन आरोपी अभी भी फरार हैं.
लेकिन इस साल भी ऐसी ढेरों वारदातें हुईं, जिन्होंने पूरे देश के मुंह पर कालिख पोत दी. हम बात करेंगे गैंगरेप की उन वारदातों की,
जिन्होंने पूरे देश को हिलाकर रख दिया. ऐसी वारदातें जिन्होंने दिलो-दिमाग को झिंझोड़ डाला और पूरे देश को शर्मसार कर दिया.
साल 2017 जा रहा है, लेकिन ये घटनाएं कभी न भरने वाले जख्म की तरह हमेशा देशवासियों के दिलो-दिमाग को कुरेदती रहेंगी. इन घटनाओं को याद करने का एक ही मकसद है
कि हम आने वाले साल में ऐसी घटनाओं को न होने दें. जुर्म आज तक याद कर रहा है साल 2017 में घटित गैंगरेप की उन खौफनाक 7 वारदातों को जिन्होंने जनाक्रोश का रूप ले लिया और सो रही कानून-व्यवस्था को झिंझोड़ कर जगाया.
नलिया गैंगरेप केस
साल के पहले ही महीने में गुजरात के कच्छ से ऐसी वारदात सामने आई,
जिसने राजनीतिक गलियारे में हड़कंप मचा दिया. 25 जनवरी को एक विवाहित महिला ने स्थानीय BJP नेता सहित 9 लोगों के खिलाफ साल भर से अधिक समय से रेप का आरोप लगाया. 25 वर्षीय पीड़िता ने साथ ही आरोपी बीजेपी नेता पर सेक्स रैकेट चलाने का भी आरोप लगाया. पीड़िता के मुताबिक, 2015 में पहली बार स्थानीय बीजेपी नेता चेतन ठक्कर ने कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर उसे पिलाया और उसके बाद रेप कर उसकी अश्लील वीडियो भी तैयार कर ली. इसी अश्लील वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर आरोपी बीते डेढ़ साल से उसका यौन शोषण करता रहा. इतना ही नहीं पीड़िता ने बताया कि हर बार रेप करने से पहले वे उसे ड्रग्स दे देते. विपक्ष में बैठी कांग्रेस ने इसे लेकर राज्यभर में बीजेपी के खिलाफ रैलियां निकालीं. कांग्रेस की महिला कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां के घर के बाहर धरना प्रदर्शन भी किया. मामले की सुनवाई गुजरात हाईकोर्ट में चल रही है. गैंगरेप के 9 आरोपियों में से 8 आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं.
जेवर गैंगरेप
दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा के जेवर थाना इलाके में 24 मई की रात घटी इस सन्न कर देने वाली घटना की गूंज पूरे देश में सुनाई दी.
जेवर थाना क्षेत्र के सबौता गांव के पास कार से जा रहे परिवार को 8 हथियारबंद बदमाशों ने बंधक बना लिया, लूटपाट की, विरोध करने पर परिवार के मुखिया की गोली मारकर हत्या कर दी और परिवार की चार महिलाओं के साथ गैंगरेप किया.
इस मामले में पुलिस की लापरवाही भी सामने आई, जब घटना के 10 दिन बीत जाने के बाद भी कोई आरोपी पकड़ा नहीं जा सका. यहां तक कि पुलिस के रवैये से क्षुब्ध 3 पीड़िताओं ने खुदकुशी करने की भी कोशिश की. इस बीच पीड़ित परिवार ने पुलिस से अपने सुरक्षा की मांग भी की है. अंततः पुलिस 23 जुलाई को चार आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफल रही. पुलिस के मुताबिक, बदमाश बावरिया गैंग के सदस्य हैं. 27 अगस्त को जेवर कांड में शामिल एक और कुख्यात अपराधी को गिरफ्तार कर लिया गया. हालांकि शेष आरोपी अभी भी फरार हैं. पुलिस ने फरार आरोपियों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा है.
शिमला गैंगरेप केस
अमूमन हिमाचल प्रदेश से इस तरह की खबरें कम ही आती हैं. लेकिन राजधानी शिमला में 4 जुलाई को घटी इस हैवानियत ने पूरे प्रदेश की जनता में उबाल ला दिया.
शिमला के कोटखाई में आरोपियों ने 16 साल की एक स्कूली छात्रा को घर छोड़ने के बहाने लिफ्ट दी और नज़दीक के जंगल में ले जाकर उसके साथ रेप किया और फिर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी थी.
इस वारदात के बाद शिमला में पुलिस प्रशासन के ख़िलाफ़ जमकर विरोध हुआ. जनाक्रोश को देखते हुए राज्यपाल और मुख्यमंत्री तक को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा और मामले की जांच CBI को सौंप दी गई.
इस बीच गिरफ्तार किए गए 6 आरोपियों में एक आरोपी की पुलिस कस्टडी में हुई मौत ने पुलिस की लापरवाही को सामने ला दिया. सीबीआई जांच में सामने आया कि पुलिसकर्मियों ने ही थाने से बाहर कहीं ले जाकर पीट-पीट आरोपी को मार डाला था. मामले की लीपापोती के आरोपी 8 पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया, जिसमें IG रैंक का एक अधिकारी भी शामिल है. सीबीआई ने अदालत चार्जशीट दाखिल कर दी है. मामले की अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होनी है.
भोपाल गैंगरेप केस
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 31 अक्टूबर को हैवानियत की एक और घटना घटी. मध्य प्रदेश के ही विदिशा की रहने वाली और भोपाल में,
यूपीएससी की कोचिंग कर रही 19 वर्षीया छात्रा के साथ हबीबगंज रेलवे स्टेशन के पास 4 लोगों ने गैंगरेप किया.
इतना ही नहीं, आरोपी गैंगरेप के बीच पीड़ितो को बेहोश छोड़ पान-गुटखा भी खाने गए और लौटकर फिर से गैंगरेप किया. पीड़िता ने अपने पिता के साथ 3 थानों के चक्कर लगाए, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई,
जबकि पीड़िता के पिता खुद पुलिसकर्मी हैं और मां सीआईडी में हैं. इसके बाद पीड़िता के पिता खुद पीड़िता को साथ ले,
घटनास्थल पर गए और दो आरोपियों को पकड़ भी लिया. केस दर्ज करने से आनाकानी करने और पीड़िता की शिकायत को फिल्मी कहानी बताने वाले 7 पुलिसकर्मियों को बाद में सस्पेंड कर दिया गया.
आईजी और एसपी का भी ट्रांसफर कर दिया गया. पीड़िता ने पुलिस के रवैये पर सवाल उठाते हुए रेप के दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की है
सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार को फटकार भी लगाई और पूरे घटनाक्रम को ट्रैजडी ऑफ एरर्स करार दिया है
पीड़िता का पहला मेडिकल रिपोर्ट तैयार करने में भी गड़बड़ी सामने आई, जिसके चलते रिपोर्ट तैयार करने वाले डॉक्टर को सस्पेंड कर दिया गया. भोपाल की सत्र अदालत में 21 नवंबर से मामले पर प्रतिदिन सुनवाई की जा रही है.
गुड़गांव गैंगरेप
वैसे तो दिल्ली एनसीआर का यह इलाका इस तरह की अमानवीय घटनाओं के लिए कुख्यात है
लेकिन 29 मई को जब राह चलती एक महिला के साथ गैंगरेप कर उसकी 6 माह की बच्ची को मार डालने की खबर आई तो देशभर में सन्नाटा पसर गया,
गैंगरेप की शिकार महिला अपनी मासूम बच्ची की लाश लिए मेट्रो में घूमती रही और कई अस्पतालों के चक्कर लगाती रही. उसे यकीन ही नहीं हो रहा था
कि उसकी बच्ची की मौत हो गई है, और हम यह यकीन नहीं कर पा रहे थे कि क्या देश में इंसानियत इतनी गिर चुकी है. पुलिस की कार्रवाई इस बार फिर संदेह के घेरे में आई.
शुरुआती FIR में पुलिस ने गैंगरेप की धारा नहीं जोड़ी थी,
\जिसे 5 दिन बाद जोड़ा गया. मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है. घटना के 10 दिन के अंदर पुलिस ने गैंगरेप के तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
जबकि लापरवाही बरतने के आरोप में एक महिला पुलिसकर्मी को सस्पेंड कर दिया गया. महिला से छेड़छाड़ करने वाले चौथे आरोपी ट्रक ड्राइवर को भी दो दिन बाद 11 जून को गिरफ्तार कर लिया गया.
साल के आखिरी महीने में भी हरियाणा के हिसार और उत्तर प्रदेश के लखनऊ से रेप की दो ऐसी वारदातें आईं,
जिन्होंने दिलो-दिमाग को झनझना दिया. हिसार में जहां दरिंदे ने 5 साल की मासूम बच्ची के साथ रेप कर बर्बरतापूर्वक हत्या कर दी. वहीं लखनऊ में हैवानों ने 15 वर्षीय लड़की को कैंसर ग्रस्त होने के बावजूद नहीं बख्शा.
हिसार का निर्भया कांड
हिसार के उकलाना गांव में 9 दिसंबर की रात मां के पास सो रही 5 साल की मासूम बच्ची को अगवा कर रेप करने और बर्बरतापूर्वक हत्या करने का सनसनीखेज मामला सामने आया.
आरोपी ने दरिंदगी की हद करते हुए बच्ची के प्राइवेट पार्ट में लकड़ी डालकर उसकी हत्या कर दी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक,
लकड़ी इतनी जोर से डाला गया था कि बच्ची का गर्भाशय और आंतें तक जख्मी हो गए थे. इस घटना ने गांववालों में उबाल ला दिया और वे धरने पर बैठ गए.
यहां तक कि परिवार वालों ने चेतावनी दे दी कि जब तक आरोपी पकड़ा नहीं जाएगा, वे बच्ची का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे.
हालांकि राज्य सरकार के हस्तक्षेप और प्रशासन के आश्वासन के बाद 48 घंटे बाद परिवार वालों ने पूरी सुरक्षा के बीच बच्ची का अंतिम संस्कार कर दिया. राज्य सरकार ने परिवार वालों को 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद,
दो सदस्यों को सरकारी नौकरी और पक्का मकान देना की घोषणा की है. पुलिस अंततः 14 दिसंबर को एक व्यक्ति को गिरफ्तार करने में सफल रही है, जिसे वह मुख्य आरोपी बता रही है.
हालांकि पुलिस ने आरोपी के बारे में ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया है.
कैंसर पीड़िता के साथ गैंगरेप
जिस दिन हिसार में 5 साल की मासूम के साथ हैवानियत की गई,
उसी दिन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सरोजनी नगर में एक कैंसरग्रस्त नाबालिग लड़की से गैंगरेप की हृदयविदारक खबर आई.
चाऊमीन खिलाने के बहाने घर से बाहर बुलाने वाले लड़की के एक परिचित ने ही अपने एक दोस्त के साथ लड़की का रेप किया और फरार हो गया.
लेकिन पीड़िता के साथ इसके बाद जो घटा, वह मानवता से विश्वास खत्म कर देगा. पीड़िता रास्ता भटक गई तो उसने एक अनजान व्यक्ति से मदद मांगी. लेकिन मददगार ने भी पीड़िता को अपनी हवस का शिकार बना डाला.
शुरुआत में पीड़िता के साथ तीन लोगों के रेप करने की खबर ही आई थी, लेकिन बाद में पीड़िता ने बताया कि उसके साथ कुल 6 लोगों ने गैंगरेप किया. पुलिस ने दो दिन बाद 11 दिसंबर को पीड़िता के परिचित शुभम सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. हालांकि शेष तीन आरोपी अभी भी फरार हैं.
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