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25 Oct 2017

हिमाचल प्रदेश के 6 कांग्रेस मंत्रियों की संपत्ति 5 साल में करोड़ों रुपये बढ़ी

पिछले पांच सालों के दौरान हिमाचल प्रदेश के आम लोगों के अच्छे दिन भले न आ पाए हों, लेकिन प्रदेश की कांग्रेस सरकार के आधा दर्जन मंत्रियों के बहुत अच्छे दिन आए. नामांकन में दी गई जानकारी के अनुसार इन मंत्रियों की संपत्त‍ि में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है.
हिमाचल के जिस मंत्री ने पिछले 5 सालों के दौरान सबसे ज्यादा कमाई की, वह हैं परिवहन और पीडीएस मंत्री जीएस बाली. 2012 में जब बाली ने अपना नामांकन भरा था तो उनकी संपत्ति 24.85 करोड़ रुपये की थी जो 2017 में बढ़कर 46.75 करोड़ के पार हो गई.
कांग्रेस द्वारा जबरन रिटायर कर दी गई वरिष्ठ नेता विद्या स्टोक्स की कमाई भी 3 गुना से ज्यादा बढ़ी है. वर्ष 2012 में उनकी संपत्ति 7.90 करोड़ रुपये थी जो 2017 में बढ़कर 23.37 करोड़ की हो गई.
हिमाचल के ऊर्जा मंत्री सुजान सिंह कमाई के लिहाज से तीसरे स्थान पर हैं. उन्होंने पिछले 5 सालों के दौरान 12 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति अर्जित की. वर्ष 2012 में उनकी संपत्ति 6.73 करोड़ रुपये थी जो वर्ष 2017 में बढ़कर 19.15 करोड़ हो गई.
हिमाचल के स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने भी 5 सालों के दौरान 6 करोड रुपये की संपत्ति बनाई. वर्ष 2012 में वह 4.58 करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक थे जो 2017 में बढ़कर 11.01 करोड़ हो गई.
पत्रकार से राजनेता बने हिमाचल के उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने भी 5 सालों के दौरान बहुत अच्छे दिन देखे. वर्ष 2012 में उनकी संपत्ति महज 56.48 लाख रुपये थी, लेकिन वह 5 सालों के दौरान बढ़कर 4.89 करोड़ रुपये हो गई.
प्रदेश के आबकारी एवं कराधान मंत्री प्रकाश चौधरी ने कैबिनेट मंत्रियों में सबसे कम संपत्ति बनाई. वर्ष 2012 में उनकी संपत्ति एक करोड़ रुपए से अधिक थी जो 2017 में बढ़कर 1.45 करोड़ रुपये से ज्यादा की हो गई.
बीजेपी ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप
प्रदेश में सत्ता वापसी का सपना देख रही भाजपा इन मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है. भाजपा का मानना है कि पिछले 5 सालों के दौरान हिमाचल प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर था. राज्य की कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई थी. प्रदेश के मुख्यमंत्री जमानत पर हैं और प्रदेश पुलिस के अधिकारी खुद जेल में हैं.
इनके अच्छे दिन नहीं आए
एक ओर जहां हिमाचल प्रदेश के आधा दर्जन कैबिनेट मंत्रियों ने करोड़ों रुपये की कमाई की. वहीं सरकार के मुख्यमंत्री सहित कई नेताओं की संपत्ति बढ़ने के बजाय घट गई. आय से अधिक संपति का मामला झेल रहे मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की संपत्ति पिछले 5 सालों के दौरान 3.46 करोड़ रुपए घट गई.
वीरभद्र की कैबिनेट में सोशल वेलफेयर मंत्री डॉक्टर धनीराम शांडिल की संपत्ति भी एक करोड़ रुपए घट गई. शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा की संपत्ति भी 2.31 लाख रुपये कम हो गई. उधर हाल ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए ग्रामीण विकास मंत्री अनिल शर्मा की संपत्ति भी बढ़ने के बजाए घट गई. 5 साल पहले उनकी संपत्ति 20.5 करोड़पति जो 2017 में घटकर 11.68 करोड़ रुपये रह गई जो आठ करोड़ रुपये कम है.

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