सेना प्रमुख बिपिन रावत ने की फील्ड मार्शल करिअप्पा को भारत रत्न देने की मांग - SeeNewsToday

हिंदी मै दुनिया देश विदेश की ख़बर हमारे ऑनलाइन न्यूज़ मीडिया चैंनल पर

Breaking News

4 Nov 2017

सेना प्रमुख बिपिन रावत ने की फील्ड मार्शल करिअप्पा को भारत रत्न देने की मांग

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने भारतीय सेना के पहले कमांडर इन चीफ फील्ड मार्शल के एम करिअप्पा को भारत रत्न देने की मांग की है
 रावत ने कहा कि वक्त आ गया है कि अब करिअप्पा के नाम की सिफारिश देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न के लिए की जाए.
जनरल रावत ने कहा कि यह जब अन्य लोगों को भारत रत्न मिल सकता है तो मुझे यह समझ नहीं आता की करिअप्पा इस सम्मान को पाने के हकदार क्यों नहीं हैं.

कोडंडेरा मडप्पा करिअप्पा ने साल 1947 में हुए भारत-पाक युद्ध में पश्चिमी सीमा पर भारतीय सेना का नेतृत्व किया था.
आजादी से पहले और आजादी के बाद, हमारी सेना की कमान संभालने वाले के एम करिअप्पा ने 15 मई साल 1993 में दुनिया में 94 वर्ष की आयु में दुनिया अलविदा कह दिया.

करिअप्पा भारतीय सेना के उन दो अधिकारियों में शामिल हैं जिन्हें फील्ड मार्शल की पदवी दी गई.
फील्ड मार्शल सैम मानेकशा दूसरे ऐसे अधिकारी थे,
जिन्हें फील्ड मार्शल का रैंक दिया गया था. करिअप्पा को 'कीपर' के नाम से भी पुकारा जाता था. वह फील्ड मार्शल के पद पर पहुंचने वाले इकलौते भारतीय हैं.

कैसी थी निजी जिंदगी के एम करिअप्पा का जन्म 28 जनवरी 1899 को कर्नाटक में हुआ. उनके पिता कोडंडेरा माडिकेरी में एक राजस्व अधिकारी थे
वह अपने परिवार सहित लाइम कॉटेज में रहा करते थे
करिअप्पा के तीन भाई तथा दो बहनें भी थी. घर में उन्हें सभी लोग प्यार से 'चिम्मा' कहकर पुकारते थे.

करिअप्पा की प्रारम्भिक शिक्षा माडिकेरी के सेंट्रल हाई स्कूल में हुई.
शुरू से ही वह पढ़ाई में बहुत अच्छे थे. उन्हें मैथ्स और चित्रकला बेहद पसंद थी. साल 1917 में स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने मद्रास के प्रेसीडेंसी कालेज में एडमिशन ले लिया.
एक होनहार छात्र के साथ-साथ वह क्रिकेट, हॉकी, टेनिस के अच्छे खिलाड़ी भी रहे.

No comments:

Subscribe