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9 Nov 2017

GST की मार से फीकी हुई सोने की चमक, 24% गिरी मांग, वेडिंग सीजन पर भी असर

भारत में सोने की मांग में काफी बड़ी गिरावट आई है. 2017 की तीसरी तिमाही में सोने की मांग 24 फीसदी गिरकर 145.9 टन रही है.
 वर्ल्ड  गोल्ड काउंसिल ने अपनी एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी है. परिषद के मुताबिक पिछले साल जुलाई से स‍ितंबर के बीच सोने की मांग 193 टन रही. परिषद ने इसके लिए जीएसटी को जिम्मेदार ठहराया है.

मनी लॉन्ड्रि‍ंग कानून भी जिम्मेदार

परिषद ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सोने की मांग घटने की सबसे अहम वजह जीएसटी का लागू होना है.
इसके अलावा मनी लॉन्ड्रिंग कानून को अमल में लाए जाने से भी खरीदारों ने सोने से दूरी बनाई.

31 फीसदी कम मूल्य के आधार पर कम रही मांग
समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक समीक्षावध‍ि में मूल्य के आधार पर सोने के आभूषणों की मांग 31% घटकर 30,340 करोड़ रुपये रही है.
 यह पिछले साल 2016 में इसी दौरान 43,880 करोड़ रुपये थी.

निवेश में भी आई  कमी

सितंबर तिमाही के दौरान सोने के निवेश में भी कमी आई है. इस दौरान कुल निवेश की मांग 23 फीसदी घटकर 312 टन रही,
जो पिछले साल इसी दौरान 40.1 टन थी। मूल्य के आधार पर देखें तो इसमें 29% की गिरावट देखी गई और यह 8,200 करोड़ रुपये रहा. पिछले साल इसी अवध‍ि में यह 11,520 करोड़ रुपये था.    

सिक्कों की मांग भी घटी
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के भारत में प्रबंधक निदेशक सोमसुंदरम पी.आर. ने कहा कि सोने की मांग में आई  इस गिरावट  के लिए जीएसटी जिम्मेदार है.
 उनके मुताबिक इसके लिए आभूषण के खुदरा लेनदेन को लेकर मनी लॉन्ड्रिंग कानून को लागू किए जाने से भी मांग पर असर पड़ा है.
 उन्होंने बताया कि पहली तीन तिमाहियों में आभूषणों की मांग बढ़ी, लेकिन उसके बाद इसमें गिरावट आ गई. सोने की छड़ और सिक्कों की मांग की बात करें, तो वह भी 23 फीसदी घटकर 31 टन रह गई है.

इस साल 700 टन रह सकती है सोने की मांग सोमसुंदरम ने कहा कि साल 2017 में सोने की मांग 650 से 700 टन रहने का अनुमान है
उनके मुताबिक यह 5 वर्ष  के औसत से भी कम है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि साल 2018 में सोने की मांग बढ़ने की उम्मीद है.

पैन अनिवार्यता खत्म हुई

केंद्र सरकार ने 50 हजार रुपये से ज्यादा का सोना खरीदने के दौरान पैन दिखाने की अनिवार्यता  को खत्म कर दिया है. इससे ज्वैलर्स  को उम्मीद है कि खरीदार आगे आएंगे और सोने की मांग बढ़ेगी.
 केंद्र सरकार ने दिवाली से पहले 50 हजार व उससे ज्यादा का सोना खरीदने के लिए पैन कार्ड  की अनिवार्यता को खत्म कर दिया था.

वेडिंग सीजन पर भी जीएसटी का असर

जीएसटी की वजह से न सिर्फ सोने की मांग पर असर पड़ा है, बल्कि इसका असर इस साल वेडिंग सीजन पर पड़ने की आशंका भी जताई जा रही है
 शादी करना 10 से 15 फीसदी महंगा हो सकता है. आपको फोटोग्राफी, वेन्‍यू, ज्‍वैलरी, कपड़ों समेत अन्‍य चीजों के लिए पहले के मुकाबले ज्‍यादा कीमत चुकानी पड़ेगी.
इंडस्‍ट्री बॉडी एसोचैम ने जीएसटी और नोटबंदी की वजह से बदली कीमतों का अध्‍ययन करने के बाद यह अनुमान लगाया है.

बदली है कई चीजों कीमतें

एसोचैम ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी लागू होने से कई चीजों की कीमतें बदली हैं. कीमतों में इस बदलाव का सीधा असर आने वाले वेडिंग सीजन पर पड़ेगा.
एसोचैम के मुताबिक इस वेडिंग सीजन आपको ज्‍वैलरी और कपड़े खरीदने के लिए, सलून व ब्‍यूटी पार्लर, होटल, मैरेज हॉल, कुरियर व अन्‍य सेवाओं के लिए पहले के मुकाबले ज्‍यादा कीमतें चुकानी पड़ेंगी.

इनकी भी बढ़ी कीमतें

एसोचैम की रिपोर्ट के मुताबिक जीएसटी के बाद शॉपिंग, टेंट बुकिंग और  कैटरिंग जैसी कई अहम सेवाओं की कीमतें काफी बढ़  गई हैं. इनमें से ज्‍यादातर पर 18 से 28 फीसदी जीएसटी लगता है. पहले ऐसा नहीं था.

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