'साहित्य आजतक' के दूसरे संस्करण के दूसरे दिन की शुरुआत साहित्य जगत की कुछ और बड़ी हस्तियों के सात. जहां पहले दिन की शुरुआत इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन कली पुरी के वेलकम स्पीच से हुई.
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि 'साहित्य आजतक' हिन्दी साहित्य, संगीत और नाटक परंपरा को बढ़ावा देने के लिए साहित्य जगत के सितारों का यह जमावड़ा एक प्रयास है.
कार्यक्रम के पहले दिन सिंगर अनूप जलोटा और सिंगर तलत अज़ीज़ के साथ हंस राज हंस, नीलेश मिश्रा और कई नए कवियों ने शिरकत की.
इनके अलावा सेंसर बोर्ड के प्रमुख और गीतकार, कवि प्रसून जोशी ने भी अपनी नई पुरानी कविताओं से भी महफिल में समां बांधा. पहले दिन का समापन मशहूर कव्वाल निज़ामी ब्रदर्स के सुरों से हुआ.
साहित्य आजतक की महफिल इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के आंगन में सजी है, 11 और 12 नवंबर को भी कार्यक्रम कई बड़ी हस्तियां शिकरत करेंगी.
पहला सत्र: साहित्य और समाज
साहित्य आजतक के दूसरे दिन की शुरुआत अहम सत्र साहित्य और समाज में कवि, गीतकार और लेखक जावेद अख़्तर ने किया.
इस सत्र का संचालन पुण्य प्रसून वाजपेयी ने किया. इस सत्र की शुरुआत में जावेद अख्तर ने कहा कि आदमी को अपनी शोहरत और कामयाबी पर घमंड नहीं करना चाहिए. जावेद ने कहा कि अब संवाद की रफ्तार बढ़ चुकी है,
टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया एक बड़ा मीडियम बन कर उभरा है. लेकिन इस रफ्तार की देन है कि आज गहराई कम हो गई है.
हालांकि जावेद ने कहा कि आज अच्छी बात यही है कि नई पीढ़ी गहराई को खोज रही है.
मुगलों के दौर में हिंदुस्तान सबसे अमीर देश था
जावेद अख्तर ने कहा कि 1999 में ऑपरेशन विजय के समय वह कारगिल, बटालिक, द्रास के दौरे पर गए थे. इस दौरान उन्होंने अपनी आपबीती सुनाई.
जावेद से पुण्य ने पूछा कि आखिर कभी-कई आपको राष्ट्रवाद के सवाल पर गुस्सा क्यों आ जाता है. जावेद ने कहा कि राष्ट्रवाद राजनीतिक दल और नेता दोनों से बहुत बड़ा है.
यदि कोई नेता सोचे कि वह देश से बड़ा है तो यह सकी मुगालता है. जावेद ने कहा कि संभव है कि मैं सरकार से न जुड़ा हूं लेकिन देश से मैं हमेशा जुड़ा हूं.
अकबर रोड के नाम बदले जाने के विदाद पर जावेद अख्तर ने कहा कि बिना अकबर के देश का इतिहास पूरा नहीं होता. अकबर बहुत बड़ा आदमी था. ऐसे समय में जब यूरोप में सेक्युलर को समझा जा रहा था
तब अकबर ऐसा शहंशाह था जो सेक्युलरिज्म को प्रैक्टिस कर रहा था. जावेद अख्तर ने कहा कि मुगल काल में हिंदुस्तान दुनिया का सबसे अमीर देश था.
जानें पहले दिन की झलकिंया
दूसरे दिन का कार्यक्रम
दस्तक दरबार - स्टेज 1 (मेन लॉन) 8 EVENTS
11.00-11.45 बजे: साहित्य और समाज
वक्ता: जावेद अख़्तर, कवि, गीतकार और लेखक
11.45-12.30 बजे: आज का साहित्य
वक्ता: अशोक वाजपेयी, कवि
अलका सरावगी, उपन्यासकार
मैनेजर पांडेय, लेखक
12.30-13.15 बजे: एन अनसुटेबल ब्वॉय
वक्ता: करण जौहर, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर और स्क्रीनराइटर
13.15-1400 बजे: भारत का सबसे पॉवरफुल पीएम कौन?
वक्ता: संजय बारू, लेखक
सागरिका घोष, लेखक और स्तंभकार
राम बहादुर राय, पत्रकार और लेखक
विजय त्रिवेदी, पत्रकार और लेखक
उदय माहूरकर, पत्रकार और लेखक
14.00-15.00 बजे: कवि सम्मेलन
वक्ता: कुमार विश्वास, कवि
मनोज मुंतशिर, कवि और गीतकार
मदन मोहन समर, कवि
डॉ. सरिता शर्मा, कवि
तेज नारायण शर्मा, कवि
डॉ. निर्मल दर्शन, कवि
15.00-16.00 बजे: क्रिकेट- लोकतंत्र बनाम वंशवाद
वक्ता: राजदीप सरदेसाई, पत्रकार और लेखक
मोहम्मद अजहरुद्दीन, पूर्व कप्तान, टीम इंडिया
17.00-18.00 बजे: पधारो म्हारे देश
वक्ता: मामे खान, लोक गायक
20.00-22.00 बजे: नाटक- गर्दिश में हैं तारे गर्दिश में हैं तारे
कलाकार: आरिफ जकारिया और सोनाली कुलकर्णी
हल्ला बोल चौपाल : स्टेज 2 (एम्फीथियेटर)
13.00-13.45 बजे: शेरों की दास्तान
वक्ता: यतींद्र मिश्रा, लेखक एवं कवि
नदीम हसनैन, लेखक
राणा सफ़वी, लेखक
13.45-14.30 बजे: बुरा ना मानो गाली है
वक्ता: चंद्र प्रकाश द्विवेदी, लेखक एवं निर्देशक
14.30-15.15 बजे: उर्दू - कितनी हिंदुस्तानी
वक्ता: शीन कैफ निजाम, कवि एवं स्कॉलर
रक्षांदा जलील, लेखक, आलोचक और साहित्य के इतिहासकार
अंजुम उस्मानी, लेखक
अब्दुल बिस्मिल्लाह, लेखक
15.15-1600 बजे: प्रेम और कविता
वक्ता: गीत चतुर्वेदी, कवि, लेखक और उपन्यासकार
अनामिका, कवि और उपन्यासकार
निधि नित्या, कवि
बद्री नारायण, लेखक और कवि
1600-16.45 बजे: घर की मुर्गी
वक्ता: देवांशु कुमार झा, कवि और पत्रकार
पंकज शर्मा, कवि और पत्रकार
सत्येंद्र श्रीवास्तव, कवि और पत्रकार
16.45-17.30 बजे: ग़ज़ल और नज़्म
वक्ता: सायमा, रेडियो जॉकी
17.30-18.15 बजे: 70 साल- कितने आज़ाद हैं हम?
वक्ता: पवन कुमार वर्मा, लेखक और सांसद, जेडीयू
आशुतोष, प्रवक्ता, आम आदमी पार्टी
शेषाद्रि चारी, बीजेपी नेता
18.15-19.15 बजे: देसी राग
वक्ता: मनोज तिवारी, एक्टर, सिंगर और परफॉर्मर
19.15-20.00 बजे: खत्म होता हास्य विनोद
वक्ता: श्याम रंगीला, कॉमेडियन
नितिन गुप्ता 'रिवाल्डो', कॉमेडियन
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि 'साहित्य आजतक' हिन्दी साहित्य, संगीत और नाटक परंपरा को बढ़ावा देने के लिए साहित्य जगत के सितारों का यह जमावड़ा एक प्रयास है.
कार्यक्रम के पहले दिन सिंगर अनूप जलोटा और सिंगर तलत अज़ीज़ के साथ हंस राज हंस, नीलेश मिश्रा और कई नए कवियों ने शिरकत की.
इनके अलावा सेंसर बोर्ड के प्रमुख और गीतकार, कवि प्रसून जोशी ने भी अपनी नई पुरानी कविताओं से भी महफिल में समां बांधा. पहले दिन का समापन मशहूर कव्वाल निज़ामी ब्रदर्स के सुरों से हुआ.
साहित्य आजतक की महफिल इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के आंगन में सजी है, 11 और 12 नवंबर को भी कार्यक्रम कई बड़ी हस्तियां शिकरत करेंगी.
पहला सत्र: साहित्य और समाज
साहित्य आजतक के दूसरे दिन की शुरुआत अहम सत्र साहित्य और समाज में कवि, गीतकार और लेखक जावेद अख़्तर ने किया.
इस सत्र का संचालन पुण्य प्रसून वाजपेयी ने किया. इस सत्र की शुरुआत में जावेद अख्तर ने कहा कि आदमी को अपनी शोहरत और कामयाबी पर घमंड नहीं करना चाहिए. जावेद ने कहा कि अब संवाद की रफ्तार बढ़ चुकी है,
टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया एक बड़ा मीडियम बन कर उभरा है. लेकिन इस रफ्तार की देन है कि आज गहराई कम हो गई है.
हालांकि जावेद ने कहा कि आज अच्छी बात यही है कि नई पीढ़ी गहराई को खोज रही है.
मुगलों के दौर में हिंदुस्तान सबसे अमीर देश था
जावेद अख्तर ने कहा कि 1999 में ऑपरेशन विजय के समय वह कारगिल, बटालिक, द्रास के दौरे पर गए थे. इस दौरान उन्होंने अपनी आपबीती सुनाई.
जावेद से पुण्य ने पूछा कि आखिर कभी-कई आपको राष्ट्रवाद के सवाल पर गुस्सा क्यों आ जाता है. जावेद ने कहा कि राष्ट्रवाद राजनीतिक दल और नेता दोनों से बहुत बड़ा है.
यदि कोई नेता सोचे कि वह देश से बड़ा है तो यह सकी मुगालता है. जावेद ने कहा कि संभव है कि मैं सरकार से न जुड़ा हूं लेकिन देश से मैं हमेशा जुड़ा हूं.
अकबर रोड के नाम बदले जाने के विदाद पर जावेद अख्तर ने कहा कि बिना अकबर के देश का इतिहास पूरा नहीं होता. अकबर बहुत बड़ा आदमी था. ऐसे समय में जब यूरोप में सेक्युलर को समझा जा रहा था
तब अकबर ऐसा शहंशाह था जो सेक्युलरिज्म को प्रैक्टिस कर रहा था. जावेद अख्तर ने कहा कि मुगल काल में हिंदुस्तान दुनिया का सबसे अमीर देश था.
जानें पहले दिन की झलकिंया
दूसरे दिन का कार्यक्रम
दस्तक दरबार - स्टेज 1 (मेन लॉन) 8 EVENTS
11.00-11.45 बजे: साहित्य और समाज
वक्ता: जावेद अख़्तर, कवि, गीतकार और लेखक
11.45-12.30 बजे: आज का साहित्य
वक्ता: अशोक वाजपेयी, कवि
अलका सरावगी, उपन्यासकार
मैनेजर पांडेय, लेखक
12.30-13.15 बजे: एन अनसुटेबल ब्वॉय
वक्ता: करण जौहर, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर और स्क्रीनराइटर
13.15-1400 बजे: भारत का सबसे पॉवरफुल पीएम कौन?
वक्ता: संजय बारू, लेखक
सागरिका घोष, लेखक और स्तंभकार
राम बहादुर राय, पत्रकार और लेखक
विजय त्रिवेदी, पत्रकार और लेखक
उदय माहूरकर, पत्रकार और लेखक
14.00-15.00 बजे: कवि सम्मेलन
वक्ता: कुमार विश्वास, कवि
मनोज मुंतशिर, कवि और गीतकार
मदन मोहन समर, कवि
डॉ. सरिता शर्मा, कवि
तेज नारायण शर्मा, कवि
डॉ. निर्मल दर्शन, कवि
15.00-16.00 बजे: क्रिकेट- लोकतंत्र बनाम वंशवाद
वक्ता: राजदीप सरदेसाई, पत्रकार और लेखक
मोहम्मद अजहरुद्दीन, पूर्व कप्तान, टीम इंडिया
17.00-18.00 बजे: पधारो म्हारे देश
वक्ता: मामे खान, लोक गायक
20.00-22.00 बजे: नाटक- गर्दिश में हैं तारे गर्दिश में हैं तारे
कलाकार: आरिफ जकारिया और सोनाली कुलकर्णी
हल्ला बोल चौपाल : स्टेज 2 (एम्फीथियेटर)
13.00-13.45 बजे: शेरों की दास्तान
वक्ता: यतींद्र मिश्रा, लेखक एवं कवि
नदीम हसनैन, लेखक
राणा सफ़वी, लेखक
13.45-14.30 बजे: बुरा ना मानो गाली है
वक्ता: चंद्र प्रकाश द्विवेदी, लेखक एवं निर्देशक
14.30-15.15 बजे: उर्दू - कितनी हिंदुस्तानी
वक्ता: शीन कैफ निजाम, कवि एवं स्कॉलर
रक्षांदा जलील, लेखक, आलोचक और साहित्य के इतिहासकार
अंजुम उस्मानी, लेखक
अब्दुल बिस्मिल्लाह, लेखक
15.15-1600 बजे: प्रेम और कविता
वक्ता: गीत चतुर्वेदी, कवि, लेखक और उपन्यासकार
अनामिका, कवि और उपन्यासकार
निधि नित्या, कवि
बद्री नारायण, लेखक और कवि
1600-16.45 बजे: घर की मुर्गी
वक्ता: देवांशु कुमार झा, कवि और पत्रकार
पंकज शर्मा, कवि और पत्रकार
सत्येंद्र श्रीवास्तव, कवि और पत्रकार
16.45-17.30 बजे: ग़ज़ल और नज़्म
वक्ता: सायमा, रेडियो जॉकी
17.30-18.15 बजे: 70 साल- कितने आज़ाद हैं हम?
वक्ता: पवन कुमार वर्मा, लेखक और सांसद, जेडीयू
आशुतोष, प्रवक्ता, आम आदमी पार्टी
शेषाद्रि चारी, बीजेपी नेता
18.15-19.15 बजे: देसी राग
वक्ता: मनोज तिवारी, एक्टर, सिंगर और परफॉर्मर
19.15-20.00 बजे: खत्म होता हास्य विनोद
वक्ता: श्याम रंगीला, कॉमेडियन
नितिन गुप्ता 'रिवाल्डो', कॉमेडियन
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