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4 Nov 2017

'पद्मावती' में भारतीय नारी के चरित्र से खिलवाड़, व्यभिचारी हमलावर था खिलजी: उमा


पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती भी अब पद्मावती की रिलीज को लेकर चल रहे विवाद में कूद पड़ी हैं.
\ उन्होंने टि्वटर पर एक खुला खत शेयर किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि अलाउद्दीन खिलजी एक व्यभिचारी हमलावर था. उसकी बुरी नजर पद्मावती पर थी.


चित्तौड़गढ़ में हुआ पद्मावती की रिलीज का विरोध, दीपिका के डांस से हैं खफा
उमा भारती ने एक के बाद एक कई ट्वीट भी किए. इनमें लिखा है,
'रानी पद्मावती के विषय पर मैं तटस्थ नहीं रह सकती' मेरा निवेदन है कि पद्मावती को राजपूत समाज से न जोड़कर भारतीय नारी की अस्मिता से जोड़ा जाए.
क्यों न रिलीज़ से पहले इतिहासकार, फ़िल्मकार और आपत्ति करने वाले समुदाय के प्रतिनिधि और सेंसर बोर्ड मिलकर कमिटी बनाएं
और इस पर फैसला करें. मैं अपनी बात पर अडिग हूं,
 भारतीय नारी के सम्मान से खिलवाड़ नहीं. भूत, वर्तमान और भविष्य -कभी भी नहीं. कुछ बातें राजनीति से परे होती हैं, हर चीज़ को वोट के चश्मे से नहीं देख सकती. मैं तो आज की भारतीय महिला हूं.
जिस स्थिति में होंगी, भूत वर्तमान और भविष्य के स्त्रियों के सम्मान की चिंता ज़रूर करूंगी.
बता दें कि चित्तौड़गढ़ की महारानी पद्मावती पर आधारित संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती एक दिसम्बर को रिलीज हो रही है.
 इसकी रिलीज का राजपूत करणी सेना विरोध कर रही है.
 सेना ने राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन के किए जाने के लिए एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है
. आंदोलन की शुरूआत के तौर पर चित्तौड़गढ़ को बंद रखकर धरना प्रदर्शन किया गया.

करणी सेना के संरक्षक लोकेंद्र सिंह का कहना है कि पद्मावती के रूप में दीपिका पादुकोण को नाच-गान करते हुए दिखाने से राजपूत समाज आक्रोशित है
. पद्मिनी को अलाउद्दीन की प्रेमिका के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है, लेकिन चित्तौड़गढ के इतिहास को लेकर लिखी गई किताबों और किवदंतियों में इसका कहीं उल्लेख नहीं है.
\ पद्मावती कभी अलाउद्दीन खिलजी से नहीं मिलीं. इतिहासकारों का यह मानना है कि मलिक मोहम्मद जायसी द्वारा लिखे ग्रंथ में शीशे में खिलजी द्वारा महारानी का चेहरा देखने का जो उल्लेख किया है,
 वह भी सच्चाई से परे है.
पद्मावती पर रोक लगाने से चुनाव आयोग का इनकार, BJP ने की थी मांग

उधर, दूसरी ओर चुनाव आयोग ने उस मांग को खारिज कर दिया है
,
 जिसमें कहा गया था कि गुजरात में विधानसभा चुनाव के चलते फिल्म पद्मावती की रिलीज पर रोक लगाई जाए या इसे आगे बढाया जाए.
 ये मांग भाजपा की प्रदेश ईकाई ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखकर की थी. टीवी रिपोर्ट्स के अनुसार, चुनाव आयोग ने संजय लीला भंसाली की,
 इस फिल्म पर बैन लगाने या इसकी रिलीज को आगे बढ़ाने से इंकार किया है.

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