एक तरफ गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने है. वहीं दूसरी तरफ वित्त मंत्री अरुण जेटली और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बीच अर्थव्यवस्था को लेकर बहस छिड़ पड़ी है. राहुल गांधी ने पहले जीएसटी का मज़ाक बनाया, उसके बाद अर्थव्यवस्था पर तंज कसा तो अरुण जेटली उन पर भड़क उठे.
बुधवार को राहुल गांधी ने अर्थव्यवस्था के आंकड़ों को दर्शाते हुए अरुण जेटली पर निशाना साधा. जिसके जवाब में जेटली ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि तीन साल लगातार भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेज बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था रही हो. मंगलवार को जो अरुण जेटली ने ऐलान किए उनपर उन्होंने कहा कि इनका चुनावों से कोई लेना देना नहीं है. इन सभी का नतीजा लंबे समय के बाद दिखेगा.
जीएसटी के मुद्दे पर कांग्रेस पर पलटवार करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि अगर सभी चीज़ों को 18 फीसदी के अंतर्गत ला दिया गया, तो यह उनकी मदद होगा जो लोग लग्ज़री वस्तुओं पर खर्च करते हैं. क्या कांग्रेस बीएमडब्लयू और मर्सडीज़ सस्ती हो जाए. मुझे लगता है कि कांग्रेस शासित राज्य सरकारों के वित्तमंत्री जीएसटी के स्लैब को समझते हैं, लेकिन राष्ट्रीय स्तर के नेता नहीं जानते हैं.
इससे पहले भी राहुल गांधी ने गुजरात में एक रैली के दौरान जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स बताया था. इसके बाद राहुल गांधी ने GST का मखौल उड़ाने के लिए फिल्म शोले के डॉयलॉग का सहारा लिया. राहुल ने ट्वीट कर कहा कि PM मोदी के ट्वीट का मतलब है 'ये कमाई मुझे दे दे'. राहुल ने GST लाने का श्रेय कांग्रेस को देते हुए यह भी कहा कि कांग्रेस की GST का मतलब 'जेनुइन सिंपल टैक्स' है.
इस पर पलटवार करते हुए वित्त मंत्री जेटली ने राहुल गांधी के तंज पर जवाब में यूपीए सरकार के घोटालों का जिक्र किया था. उन्होंने कहा कि जिन लोगों को टू-जी और कोल ब्लॉक जैसे घोटालों की आदत थी, उन्हें वैध टैक्स से समस्या होना लाजिम है.
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