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4 Nov 2017

सत्य-धर्म के लिए चुप्पी तोड़ें कुमार विश्वास: कपिल मिश्रा


दिल्ली सरकार में मंत्री रहे कपिल मिश्रा ने डॉक्टर कुमार विश्वास को आम आदमी पार्टी (AAP) में चल रहे घमासान और उनकी चुप्पी को लेकर खुला पत्र लिखा है
कपिल ने खत में हवाला कारोबार, नोटबन्दी, सर्जीकल स्ट्राइक और गोआ-पंजाब चुनाव जैसे तमाम मुद्दों पर अपनी राय रखते हुए कुमार विश्वास से सवाल पूछा है.
\कपिल ने कुमार विश्वास की चुप्पी को सत्य-धर्म की हानि बताते हुए लिखा है...

आदरणीय कुमार भैया

कहां रुके हो? क्यों फंसे हो? क्या दुविधा है? कैसी असमंजस?
किस उम्मीद और किस आशा में? आज कुछ बातें खुलकर लिख रहा हूं, थोड़ा लंबा पत्र है, पर पढ़ना जरूर.

कपिल ने अपने पत्र में कुमार विश्वास के ट्वीट का जिक्र करते हुए कहा कि कल आपने ट्वीट किया, 'हम बोले तो क्या होगा?'
आपने मीडिया में भी कहा कि आपके बोलने से AAP में भी कुछ लोग है, जो डरते हैं. इसका मतलब कुछ तो है, जो आपको पता है
 और आप बोल नहीं रहे हैं. क्या है वो राज और आप क्यों छिपाकर बैठे हो? क्या वो राज भ्रष्टाचार, हवाला, कालेधन, राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हैं? आपकी चुप्पी किसलिए? देश-धर्म से बड़ा तो कुछ नहीं होता.

पिछले साल आठ नवंबर को लागू हुई नोटबंदी की याद दिलाते हुए कपिल मिश्रा ने लिखा, 'मुझे याद है.
पिछले साल आठ नवंबर को जब नोटबन्दी हुई...PM मोदी ने नोटबन्दी की घोषणा की, उसके तुरंत बाद मैंने ट्वीट किया.
..नोटबन्दी की तारीफ करते हुए. इस ट्वीट के 10 सेकंड के भीतर आपका कॉल आया कि ट्वीट डिलीट करो...थोड़ी देर में बताता हूं क्यों?
मैंने डिलीट कर दिया. फिर थोड़ी देर में आपने बताया कि केजरीवाल के यहां नोटबन्दी के बाद से एकदम सन्नाटा है और किसी को कोई भी रिएक्शन देने से मना कर दिया गया है.'

कपिल मिश्रा ने कुमार विश्वास को लिखा कि आपने बताया था कि शायद केजरीवाल कुछ लोगों से पूछकर निर्णय लेंगे कि नोटबन्दी पर क्या रिएक्शन देना है?
लगभग तीन दिन तक पार्टी में किसी ने कोई रिएक्शन नहीं दिया. फिर निर्णय हुआ कि पार्टी नोटबन्दी का विरोध करेगी...सारे देश मे रैलियां होंगी.
.ममता बनर्जी दिल्ली आएंगी. पूरे देश मे कई रैलियां हुई, जहां पार्टी का कोई जनाधार नहीं था वहां भी केजरीवाल की रैलियां हुईं. दिल्ली तक में आजादपुर मंडी की रैली फ्लॉप हुई, पर फिर भी की गई.

कपिल मिश्रा ने अपने पत्र में कुमार विश्वास से पूछा है
 कि क्या उन्हें नहीं पता बनारस चुनाव के लिए केजरीवाल के पास पैसे कहां से आये? कपिल ने कहा, 'नोटबन्दी के दौरान GK में ED का छापा पड़ा,
वहां पर गद्दों में, बाथरूम में, सोफे में सब जगह नोटों को गड्डियां मिलीं.
जिस कंपनी पर ये छापा पड़ा, उसी कंपनी के एक डायरेक्टर ने बनारस चुनाव में केजरीवाल के नॉमिनेशन से ठीक पहले हवाला के माध्यम पांच अप्रैल की रात 12 बजे दो करोड़ रुपये पार्टी में दिए थे
हवाला और कालेधन का इससे बड़ा और क्या सबूत होगा? फिर भी आप चुप हो. बनारस चुनाव लड़ने जाने का निर्णय, फंडिंग और उसमें UAE जैसे देशों से आये पैसों के बारे में आपको सबकुछ पता है?

नोटबन्दी के बाद हुई सर्जिकल स्ट्राइक का जिक्र करते हुए कपिल मिश्रा ने अपने पत्र में लिखा, 'ऐसा ही सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान हुआ.
 सबसे पहले केजरीवाल ने आपको कहा था सेना के खिलाफ वीडियो बनाने के लिए. आपके मना कर देने पर केजरीवाल ने वो वीडियो खुद बनाया.
सर्जिकल स्ट्राइक के खिलाफ बोलने से पहले भी केजरीवाल ने कुछ बाहरी लोगों से राय ली थी. नोटबन्दी और सर्जिकल स्ट्राइक दोनों के खिलाफ अभियान चलाने से पहले केजरीवाल ने किन बाहरी लोगों से राय ली, इसका सच आपसे ज्यादा कौन जानता है. फिर भी आप चुप हो.

इसके साथ ही दिल्ली सरकार में पूर्व मंत्री रहे कपिल मिश्रा ने पंजाब और गोवा चुनाव का जिक्र करते हुए कुमार विश्वास को लिखा कि गोआ और पंजाब दोनों जगह जिन लोगों ने चुनाव लड़ा, वो खुलकर बोल रहे है
कि फंडिंग में भारी गड़बड़ी की गई. आप ओवरसीज फंडिंग के इंचार्ज थे. आपने खुद बताया कि पंजाब में पैसों का कोई हिसाब-किताब नहीं रखा जा रहा है. कहां से पैसा आ रहा है,
नहीं पता. इतना कुछ हुआ और फिर भी आप चुप हो.'

इसके साथ ही कपिल मिश्रा ने अपने पत्र में फर्जी कंपनियों, केजरीवाल के साढ़ू, सत्येंद्र जैन की बेटी
 निकुंज अग्रवाल की नियुक्ति और विदेश यात्राएं जैसे तमाम मुद्दों पर कुमार विश्वास से सवाल पूछा. उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में सब पता है और वो अब भी चुप क्यों हैं?

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