मोदी सरकार ने बैंकिंग सेक्टर की हालत सुधारने के लिए 2.11 लाख करोड़ रुपये के लोन को मंजूरी दी है. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है. उन्होंने इसे एक ऐतिहासिक कदम करार दिया है. पटेल ने कहा कि यह रिकैपिटलाइजेशन लोन इस सेक्टर के साथ ही इकोनॉमी को भी बूस्ट देने का काम करेगा.
सुधरेगा अर्थव्यवस्था का भी हाल
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को बैंकिंग सेक्टर के लिए 2.11 लाख करोड़ रुपये के रिकैपिटलाइजेशन लोन को मंजूरी दी है. इसके जरिये केंद्र सरकार एनपीए से दबाव में बैंकों को मजबूती देने की कोशिश कर रही है. एजेंसी के मुताबिक आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा है कि सरकार का यह कदम अर्थव्यवस्था के भविष्य को सुधारने का काम करेगा.
बनाई जाएगी नीति
उर्जित पटेल ने कहा कि इसके लिए एक व्यापक नीति तैयार की जाएगी. बैंकिंग सेक्टर की दिक्कतों का समाधान ढूंढने के लिए इस नीति को तैयार किया जाएगा.
बैकिंग सेक्टर ही देता है अर्थव्यवस्था को मजबूती
पटेल ने एक बयान जारी कर कहा कि स्थायी अर्थव्यवस्था के लिए बैंकों के पास पर्याप्त पूंजी होना जरूरी होता है. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था का इतिहास उठाकर देखें तो बैंकिंग सेक्टर अगर मजबूत होगा, तो इकोनॉमी भी बेहतर स्थिति में रहती है.
बढ़ेंगे रोजगार
मजबूत बैंकिेंग सेक्टर बेहतर प्रदर्शन करने वाली फर्म्स और कर्जदाताओं को लोन देता है. इससे निवेश और रोजगार को बढ़ाने में भी मदद मिलती है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार का यह फैसला स्वागतयोग्य है.
बूस्ट होगा बैंकिंग सेक्टर
पटेल ने कहा कि पिछले दशक में यह पहली बार है, जब बैकिंग सेक्टर की चुनौतियों से निपटने के लिए व्यापक नीति बनाई गई है. इससे सेक्टर का व्यापक स्तर पर विकास किया जा सकेगा.
सरकार ने दी है ये सोगात
बता दें कि केंद्र सरकार ने बैंकिंग सेक्टर को बूस्ट देने के लिए 2.11 लाख करोड़ रुपये के रिकैपिटलाइजेशन (पूर्नपूंजीकरण) लोन को मंजूरी दे दी है. इसमें 1.35 लाख करोड़ रुपये रिकैपिटलाइजेशन बॉन्ड के जरिये दिए जाएंगे. वहीं, 76 हजार करोड़ रुपये का बजटीय सहयोग और मार्केट लोन से मुहैया किया जाएगा.
दबाव में हैं बैंक
सरकार के इस फैसले से बैंकिंग सेक्टर को बूस्ट मिलेगा. बैंकिंग सेक्टर पहले से ही एनपीए को लेकर दबाव में है. हालिया डाटा के मुताबिक करीब 39 लिस्टेड बैंक हैं, जो 8.35 लाख करोड़ के एनपीए से घिरे हैं.
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